#ankhein

अंखें
नूरानी , प्यारी , सुरमई आंखें 
नशीली , घबराई हुए , सजीली 
आंखें 
आंसू  और हंसी से भरी ये आंखें 
चहकते , उदासीन , मोहोबत से भारी आंखें 
समुन्दर की गहराई समायी हुए आंखें 
कभी बनती अंशु का झरना 
कभी मधुशाला से ये आंखें 
नजरिया देती जग को देखने का ... 

तस्वीरो को हमारे मस्तिष्क में उतरती ...ये 
आंखें
प्रियसी की सूरत .. उतारती
ये आंखें 
मोहोबत से रूबरू करवाते ये आंखें 
दिन के उजाले और रात के अंधेरे को 
मस्तिष्क में उतारती 
ये आंखें 

कभी उजली धुप ... तोह कभी कठोर शाम से 
ये आंखें
कभी महबूब की सूरत बुनती ..
मूरत बनाती 
ये आंखें 

नजर देती .. पर नजरिया छुपाती 
ये मतलबी आंखें 

कभी रात के अंधेरे में 
खुद को झरना बनाती 
ये भोली आंखें
इस जग को देखने के लिए दृष्टि प्रदान करते 
ये करुणामयी आंखें 

दोस्त को पहचानती 
दुशमन पर दहाड़ती 
ये पारदर्शी आंखें 

आंखो के कई रूप व बेष हो सकते है 
पर संसार का सब से बड़ा दोहफा है 
ये आंखें
"गॉव "
हरियाली छाई है ... 
मानो  वसंत  की  नए  घटा  छाई  है 
मौसम है सुहाना ..
लोगो में भाईचारे की लय छाई है 
सब है .. खुश बिना किसी भी लाभ के आज हुए .. जनो की मिलाई है 
उजली फसल 
मिठाई सी घुलती कानो में 
ये रमणीय भाषा 
सब हमारी सभ्यता की याद आई है 
"गॉव में ही बस्ता हमारा आधा भारत 
हमारा किसान भाई है "
गाँधी जी ने भी दिया था नारा 
"भारत का विकास 
गॉव से ही आएगा  
अपने साथ खुशिया ले कर आएगा "

@awaari thoughts

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