अंखें
नूरानी , प्यारी , सुरमई आंखें
नशीली , घबराई हुए , सजीली
आंखें
आंसू और हंसी से भरी ये आंखें
चहकते , उदासीन , मोहोबत से भारी आंखें
समुन्दर की गहराई समायी हुए आंखें
कभी बनती अंशु का झरना
कभी मधुशाला से ये आंखें
नजरिया देती जग को देखने का ...
तस्वीरो को हमारे मस्तिष्क में उतरती ...ये
आंखें
प्रियसी की सूरत .. उतारती
ये आंखें
मोहोबत से रूबरू करवाते ये आंखें
दिन के उजाले और रात के अंधेरे को
मस्तिष्क में उतारती
ये आंखें
कभी उजली धुप ... तोह कभी कठोर शाम से
ये आंखें
कभी महबूब की सूरत बुनती ..
मूरत बनाती
ये आंखें
नजर देती .. पर नजरिया छुपाती
ये मतलबी आंखें
कभी रात के अंधेरे में
खुद को झरना बनाती
ये भोली आंखें
इस जग को देखने के लिए दृष्टि प्रदान करते
ये करुणामयी आंखें
दोस्त को पहचानती
दुशमन पर दहाड़ती
ये पारदर्शी आंखें
आंखो के कई रूप व बेष हो सकते है
पर संसार का सब से बड़ा दोहफा है
ये आंखें