नदी
मैंने एक चंचल नदी को आवाज करते हुई
कोई मधुर राग छेड़ कर बहते हुए देखा है
उसकी चंचलता , उसकी सादगी को बहते देखा है
मैंने जीवन देने वाली को बहते देखा है
जो हिमालय में से ऐसे अपना रास्ता बनाती ही है
जैसे शिव की जटाओ से गंगा
मैंने उस चंचल सी युवती रूपक नदी को परिपक्व होते देखा है
चंचलता से गंभीरता में प्रवेश करते हुए देखा है
युवती से एक स्त्री बनते हुए देखा है
अपने शिशुओं का पालन करते देखा है
कोमल से कठोर बनते देखा है ..
मैंने एक बहती नदी में .. शक्ति का रूप देखा है
पर
आज वो शक्ति बेबस है
प्राकर्तिक कृत्या है या मनुष्य का लालच
मैंने उस नदी को आज विवश होते देखा है
मलिनता की भेट चढ़ते देखा है
मैंने उस नदी को विवश होते देखा है ..
बहते देखा है
जो जीवन का रूप थी .. उस जीवन के लिए संघर्ष करते देखा है .. मैंने एक नदी को बहते देखा है
इस वरदान को अभिशाप की बलि चढ़ते देखा है
मैंने एक नदी को देखा है
"बचाओ इस नदी को जो हमारे लिए वरदान है "
"शुद्धता में है , खरी
सबकी पालनहार है "
मैंने उस देवीय शक्ति को भी झुकते देखा है
मैंने एक नदी को देखा है